दर्द का रास्ता छोड़ कर मंजिलों से हमने कहा थोडा दूर चली जाये, रास्ता कम लगता है हमारे पैरों को चलने के लिए...

Saturday, July 30, 2011

बिल नही दिल की बात कीजिये......दिव्य और अनमोल

अन्ना जी की लोकपाल बिल पास करने की कोशिश,बाबा रामदेव और बालकृष्ण का फर्जीवाड़ा मधु कोड़ा की सोने की खाने और कलमाड़ी की बीमारी 2जी स्पेक्ट्रोम वाली नीरा और करुमाची सब के सब बड़े चिंता के विषय रहे है। पर इन सब पचड़ों से कहीं दूर हम अपने बेटे के साथ अपनी ही दुनिया में मस्त रहे थे । इन सब से परे एक बड़ी ही सुन्दर ज्ञान हमने प्राप्त किया है जो हम आप सब से बाँटना चाहते है। एक बार बड़ी श्रद्धा के साथ कीजिये और फिर हमे ज़रूर बताएगा कि कैसा महसूस कर रहे है




सब जानते है कि रामचरित मानस एक सुन्दर और पवित्र ग्रन्थ है। श्री रामायण में बहुत सी चौपाइयां तथा दोहे मंत्र माने गए है। केवल मन्त्रों का नियमनुसार जाप कर ले ,तो इच्छित फल की प्राप्ति हो जाती है मानस प्रेमी स्वयं अनुभव कर के देख लें। हाँ एक बात और मानस मंत्र सिद्ध करने के लिए एक दिन हवन करना पड़ता है और हवनरात में दस बजे के बाद किया जाना चाहिए। आज हम आपको बिना पैसा लिए आपको एक मंत्र बताएँगे जो हर कोई पाना चाहता है ...



मतलब लक्ष्मी और सुख प्राप्ति के लिए मंत्र-



जे सकाम नर सुनहिं जे गावहिं। सुख सम्पति नाना विधि पावहिं। ।

(उत्तरकाण्ड १३)



अगर सच्चे मन से आप कोई काम करेंगे तो वो कार्य ज़रूर पूर्ण होगा। ये मंत्र सिद्ध कीजिये विश्वास और लगन से ।



ये ऐसा ज्ञान है जो दिव्य है....

जय श्री सीताराम जय श्री राम....ये नाम आस्था और विश्वास है।

8 comments:

  1. निजी और छोटे स्तर के मामलों में कुछ बार ऐसा हो सकता है कि कोई मंत्र या दुआ का जाप करके कोई मुराद पूरी हो जाए लेकिन ऐसा सदा नहीं होता और बड़े और सामूहिक स्तर के मामलों में केवल मंत्र जाप से कुछ नहीं होता इसीलिए जिन लोगों को आज महापुरूष माना जाता है, उन्हें भी कुछ पाना हुआ तो कुछ करना ही पड़ा। अर्जुन को राज्य पाने के लिए युद्ध ही करना पड़ा किसी मंत्र का जाप काम न आया जबकि रामायण तब मौजूद ही मानी जाती है।
    धन्यवाद !

    ReplyDelete
  2. मैंने अपने आसपास के उन लोगों को अधिक आस्थावान और पूजा-पाठी पाया है जो भ्रष्टाचार में लिप्त रहे हैं. यदि कोई भ्रष्टचारी अपनी काली कमाई को राम की देन समझता है तो यह संभव है. तुलसी बाबा ने लिखा है- जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरति देखी तिन तैसी.

    ReplyDelete
  3. कल युग मे सब कुछ सम्भव है

    ReplyDelete
  4. Aapke profile ke shabdon...
    never think about who am i.sometimes think im the best, or sometimes i think im the worst. but i think im not a girl,but im a very kind and pure hearted human being.......now i think im a fool..
    SE AISA NAHIN LAGTA KI AAP
    FOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOOLLL
    HAIN....., KYONKI yah wahi likh sakta hai, jismain himmat ho aur koi himmati kabhi fooooooool nahin sakta...
    ishwar aap par kripa banaye rakhe.
    taki aap aise hi positive sochati rahain...

    ReplyDelete
  5. Hi I really liked your blog.
    I own a website. Which is a global platform for all the artists, whether they are poets, writers, or painters etc.
    We publish the best Content, under the writers name.
    I really liked the quality of your content. and we would love to publish your content as well. All of your content would be published under your name, so

    that you can get all the credit for the content. For better understanding,
    You can Check the Hindi Corner of our website and the content shared by different writers and poets.

    http://www.catchmypost.com

    and kindly reply on ojaswi_kaushal@catchmypost.com

    ReplyDelete
  6. आपका स्वागत है यहाँ !
    ----------------------------
    हम रोज़ एक मुद्दा उठाएंगे !

    ReplyDelete
  7. रामायण हमे सच्चे मार्ग पर ले जाती है जो हम मानवो के लिए उत्तम है

    ReplyDelete