दर्द का रास्ता छोड़ कर मंजिलों से हमने कहा थोडा दूर चली जाये, रास्ता कम लगता है हमारे पैरों को चलने के लिए...

Monday, September 20, 2010

ऐसी वाणी बोलिए मन का आपा खोये.......


अति का भला न बोलना, अति की भली न चूप।
अति का भला न बरसना, अति का भली न धूप॥


कबीर जी ने कहा है कि कभी ज्यादा बोलना नही चाहिए । हम बिना सोचे समझे,जाने बूझे कुछ भी बोलते रहते है जो बिलकुल सही नही है। ऐसी वाणी में तेज़ नही होता है । आपकी वाणी सत्य, मधुर ,और हितकारी हो जो ज्ञान के मधुर शब्दों से युक्त हो। जहाँ जिस विषय का ज्ञान न हो वहां पर कदापि नही बोलना चाहिए। ऐसे समय पर दूसरों को सुनना ज्यादा लाभदायक होता है।
कहते भी है कि अच्छा वक्ता होने के लिए अच्छा श्रोता हो ज़रूरी है। सामने वाले की बात पूरी होने से पहले नही बोलना चाहिए। जब आपके गुरु जन बोल रहे हो तो आपको चाहिए कि आप अपना दिमाग को पूरी तरह से खाली कर ले, क्योकि खाली पात्र में ही कुछ रखा जा सकता है। उस समय तर्क वितर्क नही करना चाहिए।
जब आपके माँ पिताजी कुछ कह रहे हो तो सहज ही स्वीकार कर लेना चाहिए। क्योंकि उनकी वाणी आपके लिए अमृत समान होती है। बिना सोच समझे उनके बताये रास्ते पर चलना चाहिए।
अच्छा अब आप सोच रहे होंगे कि क्यों तुम इतनी देर से बोल रही ?
हम जानते है कि ये सब कुछ आप जानते है । हमे पता है कि आप बहुत कुछ अमल भी करते है ।

हम आपसे एक बात पूछते है कि ईश्वर तो कभी हमसे संवाद नही करते ,कभी नही बोलते परन्तु हम उसको ही सर्वशक्तिमान मानते है उनसे डरते भी है !

एक बात हमने ज़रूर महसूस की है कि शब्दों में बड़ी शक्ति होती है। दिल से कही हुई हर बात सच हो जाती है। प्राचीन काल में ऋषि, योगी जन वाणी से श्राप देते थे और मनुष्य को उसको भोगना पड़ता था। आज भी ऐसा होता है पर ज्यादा बोलने के कारन लोगो की वाणी ने अपना तप ,ओजस्विता खो दिया है। इसीलिए हमेशा सोच समझकर बोलना ही उचित है।

अब हम आपको एक बात बताये कि हमारे घर पे जो भैय्या भोजन बनाते है उनका नाम है जोशी भैय्या।हमने कई बार उनको कहते सुना है कि हमने खाना उबाल दिया है जिसको हो वो खाए। अब उनके कहे अनुसार खाने का क्या स्वाद होता होगा वो आप खुद ही जान गए होंगे!

आज लोगो में वैचारिक दोषों के साथ वाणी दोष तो चरम पर है। कुछ भी किसी के लिए बोल दिया जाता है। किसी के स्वर्ग सिधारने पर लोग कहते है कि फलाने टपक गए है। और बात बात पर ने जाने कितनी गाली देते है और कहते है कि ये तो आज का टशन है।

ज्यादा बोलना और सोचना दोनों ही ठीक नही है।
मौन रहिये सारी समस्या का हल खुद ही निकल आएगा।

जैसे पेड़ में लगे फल अगर सहज पके तो ज्यादा स्वादिष्ट और मीठे होते है वैसे ही काल ,पात्र और स्थान देख कर बात करनी चाहिए।
बोलना ही नही मौन उससे भी शक्तिशाली है।

21 comments:

  1. बहुत बढ़िया प्रस्तुति .......


    पढ़े और बताये कि कैसा लगा :-
    (क्या आप भी चखना चाहेंगे नई किस्म की वाइन !!)
    http://thodamuskurakardekho.blogspot.com/2010/09/blog-post_22.html

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  2. बहुत सार्थक पोस्ट है कल ही इस विषय पर मेरे पास एक पंजाबी लेखक की पुस्तक आयी है। उसका शीर्शक है
    पाती अडिये बाजरे दी मुठ
    अर्थात जैसे बाजरे की मूठ डालो तो कबूतर चले आते हैं इसी तरह आपकी वाणी लोगों को आकर्शित करती है। आपका आलेख बहुत अच्छा लगा। धन्यवाद।

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  3. maine ab font sudhara hai.....aapko samay ho to plz zarur padhe......thanx

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  4. आपकी बातें बहुत अच्छी और सच्ची हैं.
    ज्योति की तरह अंतस को जगमग जगमग
    करने वाली हैं.
    सुन्दर प्रस्तुति के लिए आभार,ज्योति जी.

    मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है.

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  5. शुक्रिया लिंक के लिए।
    अच्‍छा और सार्थक लेखन।
    लगातार लिखते रहें।
    शुभकामनाएं आपको।
    मेरे ब्‍लाग पर आपका स्‍वागत है.....

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  6. शब्दै मारा गिर पड़ा शब्दै छोड़ा राज।
    जिनहिं शब्द विवेकिया,तिन का सरिगौ काज॥

    कई महिनों से आपका ब्लॉग अपडेट नहीं हुआ है, अपडेट कीजिए, पढेगें।

    आभार

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  7. ज्यादा बोलना और सोचना दोनों ही ठीक नही है।
    मौन रहिये सारी समस्या का हल खुद ही निकल आएगा।

    pahle line to sai hai, par maun rahna..........na jee na...ye nahi bhaya:)

    bahut behtareen post hai aapki!!
    aaj pahlee baar aaya, follow karna pada:)

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  8. बोलना नही मौन उससे भी शक्तिशाली है।
    स्थान देख ही कर बात करनी चाहिए।

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  9. Apke is pyare blog ka link HBFI
    hamare sjha blog par lagaya ja raha hai ,
    You are invited in bloggers' meet weekly.

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  10. bahut sundar post, pahali baar parichay hua lekin sarthak raha.

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  11. सही बात...ज्यादा बोलने से बेहतर होता है ज्यादा सुनना...
    सुनने से बहुत कुछ सीखा जा सकता है

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  12. बहुत अच्‍छी बात कही आपने.

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  13. बहुत ही अच्‍छी और ज्ञान की बात कही आपने ...आभार ।

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  14. मैने आप का पोस्ट आज पहली बार पढ़ा हैं
    पढ कर बहुत अच्छा लगा कृपया अपने हर पोस्ट का लिंक मुझे मेल कीजिये
    mukeshbabukain@gmail.com
    धन्यवाद

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