दर्द का रास्ता छोड़ कर मंजिलों से हमने कहा थोडा दूर चली जाये, रास्ता कम लगता है हमारे पैरों को चलने के लिए...

Thursday, September 2, 2010

खुद को क्यों नही जानते?


हम सबको जानते है पर खुद को नही
अपने लिए हमेशा अन्जान बने रहते है
हम क्या चाहते है ,क्या करना है ?
क्या ज़िन्दगी में पाना चाहते है ?
सच में कुछ भी नही जानते
बस दूसरों के लिए त्याग करना चाहते है,
सबको खुश करने के लिए खुद मारना चाहते है ,
क्या मिलेगा तुमको सब कुछ करके?
जाग जाओ अब मन की ऑंखें खोलो
तुम जी नही पाओगे जब तक खुद को नही जानोगे ,
अपने आपको स्वीकार करो,(accept yourself)
तभी दूसरों को अपना पाओगे
खुद को हर ग़लती के लिए माफ़ करना सीखो,(forgive yourself)
तभी दुनिया को एक सूत्र में बांध पाओगे ,
स्वयं से प्यार करो,(love yourself unconditionally)
तब जाकर दूसरों को प्रेम कर पाओगे.......