दर्द का रास्ता छोड़ कर मंजिलों से हमने कहा थोडा दूर चली जाये, रास्ता कम लगता है हमारे पैरों को चलने के लिए...

Tuesday, September 29, 2009

चलो हम भूला देंगे तुम्हारे सितम
अब कभी नही चाहेंगे तुमको सनम
सोचा जो तुम न थे
तुमने तो अपना रूप दिखा दिया
हमको जीवन का मतलब सिखा दिया
अब तुम्हारा मेरी ज़िन्दगी में कोई अक्स नही
न हो साथ तो कोई गम नही
तुमको लेकर हम परेशान ना होंगे हम
तुम उस रास्ते तो उस रास्ते ना जायेंगे हम
कहते की इतना मत तंग करो की डोर टूट जाए
वोह डोर अब टूट गई है।