दर्द का रास्ता छोड़ कर मंजिलों से हमने कहा थोडा दूर चली जाये, रास्ता कम लगता है हमारे पैरों को चलने के लिए...

Thursday, January 21, 2010

युवा भारत के युवा बच्चे



नन्हा मुन्ना रही हूँ देश का सिपाही हूँ, बोलो मेरे संग


जय हिंद
जय हिंद!


कल गणतंत्र दिवस है हर बच्चा कल का सिपाही है...कल देश के हर कोने में बच्चे गणतंत्र दिवस परेड में अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। बहादुर बच्चो को कल प्रधानमंत्री जी सम्मानित करेंगे। २२ सदी के बच्चो में अपार सम्भावनाये है। बच्चो ने हर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज करायी है जैसे मीडिया, फिल्म, कला , विज्ञानं , संस्कृति, पर्यावरण , योग आदि में बराबर योगदान दे रहे ही ।


पर न जाने क्यों मन में एक चुभन सी होती ही बच्चो, युवाओ को लेकर, उनके व्यवहार, उनके तौर- तरीको से कुछ परेशानी होती हैं । हमको सोचना चाहिए युवा भारत की छवि किस दिशा में जा रही हैं ।


हम आप हर जगह यही पढ़ते , सुनते, मूवी देखते बस यही सीखते रहते है की 'बच्चो को समझो,उनकी भावनाओ को जानो, उनको वो सब करने दो जो वो चाहते है , बच्चो को इतनी छूट देनी चाहिए की अपना भविष्य खुद बना सके, और न जाने क्या क्या। आमिर खान साहब ने तो इस विषय पर जैसे p.hd कर डाली हो। उनकी हर फिल्म में कुछ न कुछ हम सिख ही लेते है कभी चाहते हुए कभी ना चाहते हुए। पर दुनिया अब पहले जैसी नहीं रह गयी है और ना हम, ना हमारे बच्चे , न युवा । अच्छा नही लगता ना ये सब पढ़ते हुए तो याद कीजिये अपना बचपन और आज अपने बच्चे के बचपन को। कितना फर्क नज़र आएगा वो आप ही महसूस करेंगे। पहले हम बच्चे माँ के दामन को २० -२५ साल तक पकडे रहते, क्या करना है क्या नही सब पूछते अगर कोई मेहमान घर आते तो घंटो उनके सामने नही जाते मारे शरम के । माँ बुलाती रहती की बेटा प्रणाम ही कर लो तो बड़ी मुन्व्वत के बाद मिलने आते । आज कल के बच्चे को देखो कितने स्मार्ट होते है उनको कुछ बताना या सिखाना नही पड़ता हर समय presentable और इतने समझदार होते है कि लगता है हर बच्चा 'अभिमनुय' हो। हर बच्चा लगता है over active , समय से पहले बड़े हो रहे है। हम तो कभी कभी सोचते है कि सन २००० के बाद के बच्चो को किसने बनाया है शायद भगवान् ने नए constructor अप्पोइंत किये है है। हर जगह बच्चे अपना कमाल दिखा रहे है । ज़रूरत से ज्यादा समझदार, समय से तेज़ , आकाश से खुली सोच , हर तरह के कामो में निपुण, सब कुछ उम्मीद से ज्यादा करते है आज के बच्चे । बड़ा अच्छा लगता है की हमारे बच्चे हमसे कितना आगे है । इन सब के प्रमुख कारण - आस पास का परिवेश, (Environment), शिक्षा (Education), अभियांत्रकी (Technology)। हमारे बच्चे अभूतपूर्व है।
सब कुछ अच्छा है पर कुछ कहीं बहुत धीरे धीरे बदल रहा है । कुछ अप्रिय तथ्य भी जुड़े है इससे - जैसे
*हम मानते है की बच्चे भगवान् का रूप, मासूम , निश्छल होते है , पर आज कल के बच्चे आपको पलक छपकते ही बेवकूफ बना देते है। खुद ही महसूस किया होगा अपने इस बात को।

*अपनी बात मनवाने के लिए बड़ी आसानी से झूठ बोलते है की आप समझ नही पाएंगे की वास्तव में एक बच्चा बोल सकता है .
*एक्टिंग बड़े अच्छे से करते हैं ।
*आप अपने आस पास युवा लड़के -लडकियों को बस नोटिस कीजिये आप समझ जायेंगे हम क्या कहना चाहते हैं ।
हमको अभी से इन सब छोटी छोटी बातो का ख्याल रखना पडेगा । इस समय हमारा देश और युवा बड़े परिवर्तन के दौर से गुज़र रहे हैं। इस परिवर्तन के दौर को सकारात्मक दिशा देना अति आवश्यक हैं।


आज के बच्चो और युवाओ को सिर्फ सुरक्षा , भरोसा , आत्मविश्वास , और प्यार की ज़रूरत ही जो उनको अच्छा भारतीय बनाने से पहले अच्छा इंसान बनायेंगे।