दर्द का रास्ता छोड़ कर मंजिलों से हमने कहा थोडा दूर चली जाये, रास्ता कम लगता है हमारे पैरों को चलने के लिए...

Friday, September 2, 2011

बस ज़िन्दगी यूँ ही गुज़र जाएगी....






न हम बदले न तुम बदले बस ज़िन्दगी बदल गयी



उस दिन भी हम अकेले थे आज भी अकेले है



बस हर रोज़ एक नया दिन नयी रात निकल गयी



आने वाला कल बड़ा बेहतर है आज से



आज से पहले, यूँ समझो कि दुखों कि बारात निकल गयी



कुछ जुबां से न कहो तो ही सही है



जुबां से निकली बात 'आई- गयी' हो गयी,



किस कमोवेश प्यार किया साकी से ,



कि सारी उम्र खाली जाम लिए गुज़र गयी ,



और फिर सबने कहा ज़िन्दगी इसी का नाम है




Saturday, July 30, 2011

बिल नही दिल की बात कीजिये......दिव्य और अनमोल

अन्ना जी की लोकपाल बिल पास करने की कोशिश,बाबा रामदेव और बालकृष्ण का फर्जीवाड़ा मधु कोड़ा की सोने की खाने और कलमाड़ी की बीमारी 2जी स्पेक्ट्रोम वाली नीरा और करुमाची सब के सब बड़े चिंता के विषय रहे है। पर इन सब पचड़ों से कहीं दूर हम अपने बेटे के साथ अपनी ही दुनिया में मस्त रहे थे । इन सब से परे एक बड़ी ही सुन्दर ज्ञान हमने प्राप्त किया है जो हम आप सब से बाँटना चाहते है। एक बार बड़ी श्रद्धा के साथ कीजिये और फिर हमे ज़रूर बताएगा कि कैसा महसूस कर रहे है




सब जानते है कि रामचरित मानस एक सुन्दर और पवित्र ग्रन्थ है। श्री रामायण में बहुत सी चौपाइयां तथा दोहे मंत्र माने गए है। केवल मन्त्रों का नियमनुसार जाप कर ले ,तो इच्छित फल की प्राप्ति हो जाती है मानस प्रेमी स्वयं अनुभव कर के देख लें। हाँ एक बात और मानस मंत्र सिद्ध करने के लिए एक दिन हवन करना पड़ता है और हवनरात में दस बजे के बाद किया जाना चाहिए। आज हम आपको बिना पैसा लिए आपको एक मंत्र बताएँगे जो हर कोई पाना चाहता है ...



मतलब लक्ष्मी और सुख प्राप्ति के लिए मंत्र-



जे सकाम नर सुनहिं जे गावहिं। सुख सम्पति नाना विधि पावहिं। ।

(उत्तरकाण्ड १३)



अगर सच्चे मन से आप कोई काम करेंगे तो वो कार्य ज़रूर पूर्ण होगा। ये मंत्र सिद्ध कीजिये विश्वास और लगन से ।



ये ऐसा ज्ञान है जो दिव्य है....

जय श्री सीताराम जय श्री राम....ये नाम आस्था और विश्वास है।