दर्द का रास्ता छोड़ कर मंजिलों से हमने कहा थोडा दूर चली जाये, रास्ता कम लगता है हमारे पैरों को चलने के लिए...

Monday, October 19, 2009

क्या हमको जीना आता है

शायद नही............

क्यों ?

क्योंकि हमको मरने से डर लगता है इसीलिए हमको जीना नही आता। हम बस अपनी ज़िन्दगी को काट रहे है किसी भार की तरह। आज, कल , परसों , और बरसों बस जी रहे है। हमने क्या हालत बना ली है अपनी ? इतनी लापरवाही क्यों कर रहे है समझ से बाहर है। आज जो है वह कल नही होगा इसीलिए आज में जी लो? पता है आपको सब पता है पर उस पते का क्या पता जो ज़िन्दगी से लापता हो। कहने का मतलब सिर्फ़ इतना है ज़िन्दगी सुंदर कार है जो कुछ साल बाद आउट हो जायेगी उसकी जगह नई एडवांस कार आ जायेगी। तो जल्दी कीजिए ऑफर कुछ समय के लिए ही है कैश कर लीजिये नही तो आप को पछताना पड़ेगा। हमको सिर्फ़ इतना पता होना चाहिए की हम जिंदा है तो सिर्फ़ आज भर के लिए, कल तो मरना है। ज़िन्दगी का हर लम्हा बड़े सुन्दरता के साथ जीना ही अपना अंदाज़ है