दर्द का रास्ता छोड़ कर मंजिलों से हमने कहा थोडा दूर चली जाये, रास्ता कम लगता है हमारे पैरों को चलने के लिए...

Friday, February 19, 2010

दुनिया बताती है हमे कि क्या है हम......

अपना ग़म दिल में छुपा लिया तो दुनिया ने सोचा खुश हैं हम

सांसों की माला को पिरोया तो दुनिया कहती है जिंदादिल है हम,

वक्त ने थमा है हमे तो दुनिया समझी कि बड़े सधे है हम,

अपनों ने ठेस दी तो ग़म नही किया तो दुनिया ने जाना कि बड़े दिलवाले है हम,

वक़्त के थपेड़ों ने हिम्मत दी तो दुनिया ने सोचा कि साहसी है हम,

मुंह कर पट्टी बांध ली हमने तो दुनिया कहती कि बड़े शांत है हम ,

अपने स्वार्थवश कुछ अच्छा किया तो दुनिया समझी कि त्यागी है हम,

थोड़ी सी ऊंचाई पा गये किस्मत से तो दुनिया ने कहा बड़े मेहनती है हम,

जीवन और पवित्रता का मिलन हुआ तो दुनिया कहती है कि योगी है हम,

एक दिन जब सारे मुखौटे उतारे तो दुनिया कहती है पागल है हम......

2 comments:

  1. वाह ज्योती जी कमाल कर दिया । बहुत अच्छी लगी आपकी रचना । बधाई।

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  2. nirmala ji apka ashirvad hai.aap jab bhi hume comment karti hai hume badi khushi hoti hai

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