दर्द का रास्ता छोड़ कर मंजिलों से हमने कहा थोडा दूर चली जाये, रास्ता कम लगता है हमारे पैरों को चलने के लिए...

Wednesday, January 20, 2010

ज्ञान की देवी माँ सरस्वती के कुछ रूप जो हमने देखे आज- ज्योति

आज मुकुल सर ने कहा की हर त्यौहार को जीना चाहिए इसलिए हमने सोचा चलो आज बसंत पंचमी को जी जाये।
आज बसंत पंचमी है और माँ सरस्वती की पूजा भी बड़े धूमधाम के होती है। हमने अक्सर ध्यान दिया होगा की आजकल लोग हर चीज़ के लिए लोग अपनी आपत्ति करते रहते है कभी वन्दे मातरम को लेकर तो कभी माँ सरस्वती की वंदना के लिए। अपने शहर लखनऊ में आपको हर गली मोहल्ले में हनुमान जी, शिव जी, शनिदेव और माँ दुर्गा के मंदिर मिल जायेंगे पर ज्ञान की देवी माँ सरस्वती का मंदिर ढूढ़ना पड़ता है। आज हमने भी सोचा चलो माँ के दर्शन कर आते है पर माँ का मंदिर शहर में कहा है नहीं पता था। हमने अपनी दोस्त अर्चना से पूछा तो उसने कहा की उसको एक मंदिर पता है जो काफी पुराना है। हमने कहा चलो चलते है। हमने माँ की अद्भुत प्रतिमा देखी जो आप भी देखिये-









लखनऊ के सबसे पुराने एक मात्र माँ सरस्वती की प्रतिमा है जो दर्शनीय है।


















ये मंदिर पक्का पुल के पास शुक्ल घाट पर स्थित है। कहते है की लखनऊ विश्विधायालय के हनुमान सेतु के हनुमान जी और लखनऊ मेडिकल कॉलेज की माँ सरस्वती। जहाँ कॉलेज के ज़्यादातर छात्र-छात्राए आशीर्वाद लेने आते है। अपनी अपनी आस्था है। आज सबने माँ से विद्या, सफलता, और सुख की कामना की होगी पर क्या किसी ने इनके लिए भी कुछ माँगा होगा








ये मासूम जो सडको पर अपना बचपन बिता रहे है।









ये वफादार दोस्त जो नाली में पल रहे है।









ये गरीब जो जाड़े में बिना कपड़ो के ठुठुर रहे है।
चलो! मिल कर हम आज इनके लिए प्रार्थना करे और बसंत पंचमी को जी ले !!!!!!!!!!!!!

7 comments:

  1. सुन्दर प्रस्तुति! बसंत पंचमी की हार्दिक शुभ कामनाएं !

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  2. सुंदर रचना
    बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाये ओर बधाई आप को .

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  3. वसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाये !

    aaj ki post tasweeron ke saath bahut sunder lagi....

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  4. Maa Saraswati ji ke
    darshan karne se
    mn ko bahut zyaada sukoon milaa...
    aapka aabhaar .

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  5. naya najariya, umda soch aur behad prabhavshali post...hum aise hi parv manane lagein to ek din is matlabparast duniya ke liye najeer banenge....

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