चलो गंगा माँ के नीर में बहते हुए कहीं चलते है.........
तो हम पहले गंगा माँ के मंदिर के दर्शन करले....
ये कश्ती वाला क्या गा रहा है ?
गंगा के तन को छूती सूरज की किरणे... दूर तक निगाह में रोशनी की नदी...
गंगा का सुन्दर किनारा... शांत और निश्छल...
मंदिर में झांकता सूरज...
ये भाई साहब हमको देख कर बोले 'मेरी भी फोटो ले लो ना !' किन्ना सोना लग रहा है!!
भूख बहुत लगी है!! तो चलते है लखनऊ नवाबो के शहर में.....
लखनऊ की जामा मस्जित का सुन्दर नज़ारा
हमारी नजरो से देखो जीविता नज़र आएगी..........
लखनऊ के सडको पर मोरनी बेफिक्र होकर घुमती है....तुम अपने दिल की धडकनों को गिन के बता!
तो चलते है इनके साथ कहीं दूर....
बहुत दिन से नहाया नहीं होगा अपने तो इनसे कुछ सीखो जाके नहा लो!
waaaaaaaaaaah behad khubsurat prastuti...bahut maja aaya.
ReplyDeleteअच्छी तस्वीरें , अच्छा प्रस्तुतिकरण
ReplyDeleteshandaar...
ReplyDeleteapne to baithe baithe shandaar jagho per ghoma diya
ReplyDeletebahoot khoobsurat gazal likhi hai aapne shabdon aur tasveeron se
ReplyDeletebahut hi mast photos hain ..mjaa aa gya dekh ke..photos ke sath description ne to sone pe suhaga ka kaam kiya hai :)
ReplyDeletebehtreen rachaa...
ReplyDeletejyoti ji..........
भई ज्योति आपने तो इस यात्रा से, इन दृश्यचित्रों से और अपनी कविता नुमा टिप्पणियों हमें तो मस्त कर दिया है ..बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति
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